Jharkhand News: मैट्रिक -इंटर परीक्षा परिणाम को ले जैक ने दी बड़ी चेतावनी, कहा अब नहीं चलेगा कोई बहाना

झारखंड एकेडमिक काउंसिल जैक ने साफ कर दिया है कि आने वाली मैट्रिक और इंटर परीक्षा में है या कम अंक आने पर केवल बच्चों को ही जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा 35% से कम रिजल्ट वाले स्कूलों के शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
विभाग में जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया है
हर स्कूल की सिलेबस प्रगति रिपोर्ट की वास्तविक स्थिति की जांच करें और जहां लापरवाही देखे वहां तुरंत सुधार सुनिश्चित कारण इस बार विभाग में पहले ही चेतावनी देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि कोई बहाना नहीं चलेगा
Jharkhand News -रिमेडियल क्लास से सुधार की कोशिश ?
डीईओ विनय कुमार ने बताया कि जिले के दसवीं और इंटर के कमजोर छात्रा ओं के लिए विशेष रिमेडियल कक्षाऐ चल रही हैं हर दिंन दोपहर 3 से 4 बजे तक ऐसे छात्रों को पढ़ाया जा रहा है जिनकी उपस्थिति कम है या जो पढ़ाई में पिछड़ रहे हैं। इन्होंने बताया कि पिछले वर्ष रिमेडियल क्लास परीक्षा से कुछ सप्ताह पहले शुरू की गई थी इसीलिए प्रभाव नहीं दिखा इस बार पहले ही इसकी शुरुआत कर दी गई है इससे बच्चों का आत्मविश्वास और प्रदर्शन दोनों बेहतर होंगे।
मालूम हो कि मैट्रिक में पिछले 5 वर्षों में (2021-2025) मैं पास प्रतिशत 95% से ऊपर रहा लेकिन 2024 और 2025 में उसमें थोड़ी गिरावट रही इंटर का 5 प्रतिशत में हर वर्ष उतार चढ़ाव होता रहा 2022 मैं बहुत बेहतर रहा जबकि 2024 में वापस नीचे आ गया।
Jharkhand News:-शैक्षणिक माहौल समय पर पढ़ाई और परिणाम सुधारना प्राथमिकता
बेहतर शैक्षणिक माहौल समय पर पढ़ाई और परिणाम सुधारना ही प्राथमिकता है। शिक्षा विभाग की शख्ती और समय से की गई तैयारी से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले बोर्ड परीक्षा में मैट्रिक इंटर का परिणाम बेहतर आएगा इस बार करीब 8 लाख बच्चे मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
Jharkhand news today live अब जिम्मेदारी शिक्षक और छात्र दोनों की है
अब जिम्मेदारी शिक्षक और छात्रों दोनों की है ताकि राज्य की परीक्षा व्यवस्था की छवि और मजबूत हो सके विभाग का स्पष्ट संदेश है कि विषयवार शिक्षक उपलब्ध होने के बावजूद यदि संबंधित विषय का परिणाम खराब होता है उस विषय के शिक्षक और स्कूल प्रधान पर सीधे कार्यवाही होगी। आधिकारिक मान रहे हैं की कमजोरी योजना समय पर तैयारी नहीं होने और रेमेडियल सपोर्ट में देरी के कारण पिछले वर्षो का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है।
कक्षा 1 से 8 तक भी बदली रणनीति
दूसरी और प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में भी गुणवत्ता सुधार पर जोर दिया जा रहा है। डीएसई बादल राज ने बताया कि कक्षा 1 से 8 तक प्री बोर्ड परीक्षा आयोजित की जा रही है परीक्षा में औसत आने वाले बच्चों को एक माह की स्पेशल कोचिंग की जाती है
पिछले वर्ष भी यह पहल की गई थी जिसके परिणाम स्वरूप औसत बच्चों के रिजल्ट में 7.5% की वृद्धि दर्ज की गई पिछले वर्षों में मैट्रिक और इंटर का परिणाम कई जिलों में 40-45% की औसत पर अटका रहा है। विषय वार परिणाम और उपस्थित दोनों में कमी पाई हुई उसके कई कारण थे इसमें समय पर सिलेबस पूरा न होना छात्रों की कमजोरी आधारभूत तैयारी और रिमेडियल क्लास की देर से शुरुआत बड़े कारण रहे थे
झारखंड एकेडमिक काउंसिल( जैक )
मैट्रिक और इंटर परीक्षा के परिणामों को लेकर चेतावनी जारी की है 35% से कम परिणाम वाले स्कूलों की शिक्षकों और प्रधानाध्यापक को पर कार्यवाही की जाएगी जिला शिक्षा अधिकारी को सिलेबस की प्रगति रिपोर्ट की जांच करने का निर्देश दिया गया है विभाग में स्पष्ट किया है कि से क्षणिक माहौल समय पर पढ़ाई और परिणाम में सुधार सुधार प्राथमिकता है कमजोर छात्रों के लिए उपचारात्मक कक्षाएं चल रही है ताकि बेहतर परिणाम प्राप्त की जा सके।